21+ 2 Minute Speech Topics in Hindi for Class 9 | 2025

2 Minute Speech Topics in Hindi for Class 9

2 Minute Speech Topics in Hindi for Class 9: कक्षा 9 के छात्रों के लिए दो मिनट के हिंदी भाषण विषय बहुत उपयोगी होते हैं।

इस उम्र में छात्र सोचने, समझने और व्यक्त करने की क्षमता विकसित कर रहे होते हैं। छोटे भाषण विषय उन्हें आत्मविश्वास से बोलना सिखाते हैं और मंच पर अपनी बात स्पष्टता से रखने का अभ्यास देते हैं।

सीमित समय में बोलने से वे विषय की मुख्य बातों पर ध्यान देना सीखते हैं। यह अभ्यास उन्हें स्कूल प्रस्तुतियों, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में भी मदद करता है।

दो मिनट का भाषण सरल होते हुए भी छात्रों के संप्रेषण कौशल को मजबूत करता है।

झूठ बोलना ठीक है क्या?

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “झूठ बोलना ठीक है क्या?” इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

झूठ बोलना एक ऐसी आदत है जो शुरू में छोटी लगती है, लेकिन धीरे-धीरे हमारे चरित्र को नुकसान पहुँचाती है। कई लोग सोचते हैं कि छोटा झूठ बोलना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन सच यह है कि झूठ से भरोसा टूटता है और रिश्ते बिगड़ते हैं।

झूठ बोलकर हम कुछ समय के लिए मुश्किलों से बच सकते हैं, लेकिन सच से सामना एक दिन ज़रूर होता है। महात्मा गांधी ने कहा था — “सत्य ही ईश्वर है।”

हमें सच्चाई को अपनाना चाहिए, भले ही वह कठिन हो, क्योंकि सच्चा इंसान वही होता है जो हर स्थिति में सच का साथ दे।

झूठ कभी समाधान नहीं, हमेशा एक और समस्या की शुरुआत होती है।

धन्यवाद।

एक जागरूक नागरिक

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “एक जागरूक नागरिक” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

एक अच्छा देश तभी बनता है जब उसके नागरिक जिम्मेदार और जागरूक हों। जागरूक नागरिक वह होता है जो अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी निभाता है। वह नियमों का पालन करता है, मतदान करता है, कर चुकाता है और समाज के विकास में भाग लेता है।

जागरूक नागरिक भ्रष्टाचार, गंदगी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है। वह दूसरों को भी सही मार्ग दिखाता है और राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखता है।

हमें भी छोटी उम्र से ही समाज के प्रति जिम्मेदार बनना चाहिए। देश को बदलने के लिए पहले खुद में बदलाव लाना ज़रूरी है।

एक जागरूक नागरिक ही सच्चा देशभक्त होता है।
आइए, हम सब मिलकर देश के सजग और ईमानदार नागरिक बनें।

धन्यवाद।

सड़क सुरक्षा

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “सड़क सुरक्षा” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

सड़क पर चलना हम सभी का अधिकार है, लेकिन इसके साथ हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि हम नियमों का पालन करें। आजकल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, और इसका मुख्य कारण है लापरवाही, तेज रफ्तार, बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाना और मोबाइल का उपयोग करते हुए ड्राइविंग करना।

सड़क सुरक्षा के नियम जैसे—सिग्नल का पालन करना, जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार करना, हेलमेट और सीट बेल्ट लगाना—ये हमारी सुरक्षा के लिए ही बनाए गए हैं।

जीवन अमूल्य है, एक छोटी सी गलती भी बड़ी हानि पहुँचा सकती है।
आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें कि स्वयं भी सुरक्षित चलेंगे और दूसरों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगे।

सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा।

धन्यवाद।

मेरा पसंदीदा खेल – क्रिकेट

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरा पसंदीदा खेल” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट है। यह खेल न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में बहुत लोकप्रिय है। क्रिकेट को खेलने में मज़ा भी आता है और यह हमें टीम वर्क, अनुशासन और धैर्य सिखाता है।

मैं रोज़ शाम को अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलता हूँ। इसमें बैटिंग और बॉलिंग दोनों करना मुझे अच्छा लगता है। मेरे पसंदीदा खिलाड़ी विराट कोहली हैं क्योंकि वे मेहनती, फिट और प्रेरणादायक हैं।

क्रिकेट खेलने से शरीर स्वस्थ रहता है और मन खुश रहता है। यह खेल हमें हार और जीत दोनों को समान रूप से स्वीकार करना सिखाता है।

खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का माध्यम भी है।
इसलिए हर किसी को कम से कम एक खेल ज़रूर खेलना चाहिए।

धन्यवाद।

मेरी माँ

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरी माँ” विषय पर अपने भाव प्रकट करना चाहता हूँ।

माँ शब्द में ही सारा संसार समाया हुआ है। मेरी माँ मेरे जीवन की पहली गुरु हैं। उन्होंने मुझे बोलना, चलना, सही-गलत में फर्क करना और सबसे जरूरी — प्यार करना सिखाया। जब मैं गिरता हूँ, वह मुझे उठाती हैं। जब मैं थकता हूँ, वह मुझे सहारा देती हैं।

माँ बिना कुछ कहे हमारी हर ज़रूरत समझ जाती हैं। वह हमेशा अपने बच्चों की खुशी के लिए दिन-रात मेहनत करती हैं, बिना किसी शिकायत के।

मेरी माँ मेरा आत्मविश्वास हैं, मेरी ताकत हैं। उनके बिना मेरा जीवन अधूरा है।

ईश्वर हर जगह नहीं हो सकता, इसलिए उसने माँ बनाई।
आइए, हम सब अपनी माँ का सम्मान करें और उन्हें हमेशा खुश रखने की कोशिश करें।

धन्यवाद।

मेरा सबसे अच्छा दोस्त

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरा सबसे अच्छा दोस्त” विषय पर अपने विचार साझा करना चाहता हूँ।

हर किसी की ज़िंदगी में कोई न कोई ऐसा होता है जो मुश्किल समय में साथ देता है, हँसाता है, समझता है — वही होता है सबसे अच्छा दोस्त। मेरा सबसे अच्छा दोस्त राहुल है। हम एक ही कक्षा में पढ़ते हैं और बचपन से साथ हैं।

राहुल ईमानदार, समझदार और मदद करने वाला लड़का है। जब भी मैं उदास होता हूँ, वह मुझे हँसाता है। हम एक-दूसरे की मदद करते हैं और हर बात आपस में बाँटते हैं।

दोस्ती केवल साथ खेलने या बातें करने तक सीमित नहीं होती, दोस्ती मतलब भरोसा, साथ और सच्चाई।

मुझे गर्व है कि मेरे पास ऐसा सच्चा दोस्त है।
सच्चा दोस्त जीवन का सबसे बड़ा उपहार होता है।

धन्यवाद।

छुट्टियाँ कैसे बिताईं

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “छुट्टियाँ कैसे बिताईं” विषय पर अपने अनुभव साझा करना चाहता हूँ।

इस बार की छुट्टियाँ मेरे लिए बहुत खास रहीं। स्कूल से छुट्टी मिलते ही मैं अपने परिवार के साथ नानी के घर गाँव गया। वहाँ का शांत वातावरण, खेत, पशु और नदी देखना मेरे लिए नया अनुभव था।

सुबह जल्दी उठना, ताज़ी हवा में सैर करना और दादी की बनाई हुई स्वादिष्ट रोटियाँ खाना — ये सब बहुत अच्छा लगा। मैं अपने चचेरे भाई-बहनों के साथ खेला, पतंग उड़ाई और बहुत सारी कहानियाँ सुनीं।

इसके अलावा मैंने रोज़ थोड़ा समय पढ़ाई को भी दिया, ताकि स्कूल शुरू होने पर दिक्कत न हो।

इन छुट्टियों ने मुझे नई ऊर्जा और यादें दीं, जो मैं कभी नहीं भूलूँगा।

धन्यवाद।

मेरी किताब

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरी किताब” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

किताबें हमारे जीवन की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। वे हमें ज्ञान देती हैं, सोचने की शक्ति देती हैं और हमें कल्पनाओं की दुनिया में ले जाती हैं। मेरी सबसे पसंदीदा किताब है “पंचतंत्र की कहानियाँ”। यह किताब न सिर्फ मनोरंजन करती है, बल्कि हर कहानी के अंत में एक अच्छी सीख भी देती है।

इस किताब की भाषा सरल है और इसमें जानवरों के माध्यम से जीवन के बड़े-बड़े संदेश दिए गए हैं। जब भी मैं उदास होता हूँ या समय मिलता है, मैं इसे पढ़ता हूँ।

एक अच्छी किताब हमें अकेले में भी साथी देती है।
इसलिए हर छात्र को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।

किताबें केवल शब्द नहीं, अनुभव होती हैं।
मेरी किताब मेरा खज़ाना है।

धन्यवाद।

मेरा आदर्श

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरा आदर्श” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

हर किसी के जीवन में कोई न कोई ऐसा व्यक्ति होता है, जिसे वह अपना आदर्श मानता है। मेरे जीवन के आदर्श हैं डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम। वे एक महान वैज्ञानिक, लेखक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे। उन्होंने बहुत कठिनाइयों का सामना करके भी देश के लिए महान कार्य किए।

उनकी सादगी, मेहनत, ईमानदारी और देशभक्ति मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित करती है। उन्होंने कहा था, “सपने वो नहीं जो आप नींद में देखें, सपने वो हैं जो आपको सोने न दें।” यह बात मुझे हर दिन मेहनत करने की प्रेरणा देती है।

मैं भी उनके जैसे मेहनती, विनम्र और देशसेवी बनना चाहता हूँ।
मेरा आदर्श मुझे सही दिशा दिखाते हैं और मेरा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।

धन्यवाद।

एक यात्रा का अनुभव

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “एक यात्रा का अनुभव” विषय पर अपने अनुभव साझा करना चाहता हूँ।

पिछली गर्मी की छुट्टियों में मैं अपने परिवार के साथ जयपुर घूमने गया। यह मेरी पहली बार राजस्थान यात्रा थी। जयपुर को “गुलाबी नगर” कहा जाता है और वहाँ की इमारतें सच में बहुत सुंदर हैं।

हमने आमेर किला, हवा महल और सिटी पैलेस देखा। ऊँट की सवारी की और राजस्थानी पारंपरिक भोजन का स्वाद लिया। सबसे मज़ेदार था बाजार में रंग-बिरंगी चीज़ें देखना और राजस्थानी पोशाक पहनकर फोटो खिंचवाना।

इस यात्रा से मैंने न केवल नया शहर देखा, बल्कि वहाँ की संस्कृति, भाषा और लोगों से बहुत कुछ सीखा।

यात्राएँ हमें न केवल आनंद देती हैं, बल्कि जीवन के अनुभव भी बढ़ाती हैं।
यह यात्रा हमेशा मेरी यादों में खास रहेगी।

धन्यवाद।

मेरा घर

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरा घर” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

मेरा घर मेरे लिए सिर्फ ईंट और दीवारों से बनी एक जगह नहीं है, बल्कि वह स्थान है जहाँ मुझे प्यार, सुरक्षा और अपनापन मिलता है। मेरे घर में मेरे माता-पिता, दादी और मेरा छोटा भाई रहते हैं। हम सब मिलकर हँसी-खुशी का जीवन जीते हैं।

घर की सबसे अच्छी बात यह है कि वहाँ हर कोई आपकी परवाह करता है। जब मैं थका हुआ या उदास होता हूँ, तो मेरा घर ही मुझे सुकून देता है। माँ का खाना, पापा की बातें और भाई के साथ खेलना — यह सब मेरे घर को खास बनाता है।

मेरा घर मेरी दुनिया है।
हम सबको अपने घर को साफ, सुंदर और खुशहाल बनाए रखना चाहिए।

धन्यवाद।

मेरा स्कूल

नमस्कार आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “मेरा स्कूल” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

मेरा स्कूल बहुत ही सुंदर और अनुशासित स्थान है जहाँ मैं हर दिन कुछ नया सीखता हूँ। यहाँ की साफ-सुथरी कक्षाएँ, हरियाली से भरा खेल मैदान और पुस्तकालय इसे और खास बनाते हैं। हमारे शिक्षकगण न केवल हमें पढ़ाते हैं, बल्कि जीवन के सही रास्ते पर चलना भी सिखाते हैं।

स्कूल में हम पढ़ाई के साथ-साथ खेल, नृत्य, चित्रकला और अन्य गतिविधियों में भी भाग लेते हैं। यहाँ हमें दोस्ती, अनुशासन, समय का मूल्य और मेहनत का महत्व सिखाया जाता है।

मेरा स्कूल मेरे सपनों की नींव है।
मैं गर्व से कहता हूँ कि मेरा स्कूल सबसे अच्छा है, और मैं इसका हमेशा सम्मान करूँगा।

धन्यवाद।

भारतीय त्योहार

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “भारतीय त्योहार” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

भारत विविधताओं का देश है, और यहाँ हर धर्म, जाति और समुदाय के लोग मिल-जुलकर त्योहार मनाते हैं। हमारे यहाँ दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस, रक्षाबंधन, दशहरा, मकर संक्रांति, बैसाखी जैसे कई त्योहार पूरे उत्साह और उमंग से मनाए जाते हैं।

त्योहार न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि परिवार और समाज को जोड़ने का कार्य भी करते हैं। इन दिनों हम अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं, स्वादिष्ट भोजन करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं।

त्योहार हमें आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं। यह हमारी भारतीयता की पहचान हैं।

भारतीय त्योहार केवल परंपरा नहीं, हमारी संस्कृति का जश्न हैं।
आइए, इन्हें मिलजुलकर मनाएँ और अपनी परंपराओं को सम्मान दें।

धन्यवाद।

होली का महत्व

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “होली का महत्व” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

होली भारत का एक प्रमुख और रंगों से भरा हुआ त्योहार है। यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और रंगों, प्रेम, भाईचारे और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। होली से पहले होलिका दहन होता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इस त्योहार का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है। लोग पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं। बच्चे, बूढ़े, युवा — सभी होली का आनंद लेते हैं।

होली हमें सिखाती है कि जीवन में रंग भरने के लिए प्रेम और क्षमा जरूरी है।

होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने का अवसर है।
आइए, इस होली पर हम भी सभी के जीवन में रंग और मुस्कान भरें।

धन्यवाद।

दीपावली का संदेश

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “दीपावली का संदेश” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

दीपावली, जिसे हम प्यार से दिवाली कहते हैं, अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार हमें न केवल घरों को साफ और रोशन करने की प्रेरणा देता है, बल्कि मन और जीवन को भी स्वच्छ, शांत और सकारात्मक बनाने का संदेश देता है।

श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। तभी से यह पर्व मनाया जाता है।

दिवाली हमें सिखाती है कि अगर हम सत्य, धर्म और प्रेम के मार्ग पर चलें, तो हर अंधकार मिट सकता है।

सच्ची दीपावली तभी है जब हम दिलों में रोशनी करें, ईर्ष्या और नफ़रत को मिटाएँ।
आइए, इस दीपावली पर खुद को भी रोशन करें।

धन्यवाद।

योग का महत्व

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “योग का महत्व” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

योग भारत की प्राचीन परंपरा है, जो सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने की एक विधा है। योग से न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि हमारा मन भी शांत और एकाग्र होता है।

आज की तेज़ जिंदगी में तनाव, चिंता और अस्वस्थ जीवनशैली आम हो गई है। ऐसे में योग एक समाधान है। प्राणायाम, ध्यान और आसान हमारे तन और मन दोनों को संतुलित रखते हैं।

हर दिन केवल 20-30 मिनट योग करने से हम ऊर्जावान, सकारात्मक और अनुशासित बन सकते हैं।

योग न धर्म है, न भाषा — यह एक विज्ञान है, जो हर इंसान के लिए लाभकारी है।
आइए, हम सब योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएँ।

धन्यवाद।

भारतीय पहनावा

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “भारतीय पहनावा” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

भारत विविधताओं का देश है, और यहाँ की पोशाकें भी हर राज्य की संस्कृति और परंपरा को दर्शाती हैं। उत्तर भारत में जहाँ पुरुष कुर्ता-पायजामा और महिलाएँ साड़ी या सलवार-कमीज़ पहनती हैं, वहीं दक्षिण भारत में धोती और कांजीवरम साड़ी का प्रचलन है।

राजस्थान के रंग-बिरंगे लहंगे, पंजाबी सूट, बंगाल की तांत साड़ियाँ और उत्तर-पूर्व के पारंपरिक वस्त्र — ये सभी भारत की सांस्कृतिक सुंदरता को दर्शाते हैं।

भारतीय पहनावा सिर्फ वस्त्र नहीं, संस्कार, पहचान और कला की अभिव्यक्ति है। यह न केवल सुंदर दिखता है, बल्कि आरामदायक और मौसम के अनुसार भी होता है।

हमें अपने पारंपरिक पहनावे पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि यह हमारी संस्कृति की पहचान है।

धन्यवाद।

नृत्य और संगीत

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “नृत्य और संगीत” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

नृत्य और संगीत केवल कला नहीं, बल्कि भावों की अभिव्यक्ति और आत्मा की भाषा हैं। जब शब्द कम पड़ जाते हैं, तब भाव नृत्य और संगीत के माध्यम से व्यक्त होते हैं।

भारत में भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी जैसे शास्त्रीय नृत्य और लोकनृत्य जैसे गरबा, भांगड़ा हमारे सांस्कृतिक वैभव को दर्शाते हैं। वहीं संगीत में शास्त्रीय, लोक और आधुनिक धुनें हमारी विविधता को जोड़ती हैं।

नृत्य और संगीत न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि मानसिक तनाव को दूर करते हैं, आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और हमें अनुशासित बनाते हैं।

जिस जीवन में नृत्य और संगीत हो, वह हमेशा आनंदमय होता है।
आइए, हम इस सुंदर कला को अपनाएँ और अपने जीवन को सुर और ताल से भर दें।

धन्यवाद।

संस्कृत भाषा

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “संस्कृत भाषा” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

संस्कृत भारत की प्राचीन और गौरवशाली भाषा है। इसे ‘देववाणी’ भी कहा जाता है, क्योंकि हमारे वेद, उपनिषद, पुराण और कई धार्मिक ग्रंथ संस्कृत में ही लिखे गए हैं।

संस्कृत भाषा न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि इसकी संरचना इतनी शुद्ध और व्यवस्थित है कि इसे कंप्यूटर की सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है।

यह भाषा हमें हमारी संस्कृति, सभ्यता और जड़ों से जोड़ती है। संस्कृत के शब्दों का उच्चारण मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

आज आवश्यकता है कि हम इस भाषा को केवल कक्षा तक सीमित न रखें, बल्कि जीवन में भी अपनाएँ और प्रचार करें।

संस्कृत हमारी विरासत है — इसे जानिए, समझिए और गर्व से बोलिए।

धन्यवाद।

पुरानी कहानियाँ और उनका संदेश

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “पुरानी कहानियाँ और उनका संदेश” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

हम सबने बचपन में पंचतंत्र, अकबर-बीरबल, तेनालीराम और अन्य लोक कथाएँ सुनी हैं। ये कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं थीं, बल्कि उनमें छिपा होता था एक गहरा नैतिक संदेश

किसी कहानी से हमें ईमानदारी की सीख मिलती है, तो किसी से धैर्य, चतुराई और दया का महत्व समझ में आता है। ये कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि सही रास्ता भले ही कठिन हो, लेकिन अंत में जीत उसी की होती है।

आज के समय में जब नैतिक मूल्य कम हो रहे हैं, तब इन कहानियों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।

पुरानी कहानियाँ हमारे संस्कारों का खजाना हैं — इन्हें पढ़िए, समझिए और जीवन में उतारिए।

धन्यवाद।

रामायण से क्या सीखें

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “रामायण से क्या सीखें” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाली अद्भुत कथा है। श्रीराम का आदर्श पुत्र, भाई, राजा और पति बनना — हमें सच्चाई, कर्तव्य और विनम्रता का महत्व सिखाता है।

रामायण हमें बताती है कि अहंकार और अन्याय चाहे कितना भी बड़ा हो, अंत में हारता है — जैसे रावण की। इसमें सीता माता की सहनशीलता, लक्ष्मण की सेवा भावना, हनुमान जी की भक्ति और भरत की त्याग भावना हमें जीवन में सच्चे मूल्यों का मार्ग दिखाते हैं।

रामायण से हम सीख सकते हैं कि धर्म, संयम और सच्चाई के रास्ते पर चलना ही सच्ची विजय है।

आइए, रामायण को केवल पढ़ें नहीं — उसे अपने जीवन में उतारें।

धन्यवाद।

गुरु पूर्णिमा

नमस्कार आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “गुरु पूर्णिमा” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

गुरु पूर्णिमा एक विशेष दिन है जो हम अपने गुरुओं को सम्मान देने के लिए मनाते हैं। यह दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आता है और महर्षि वेदव्यास जी की जयंती के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने वेदों की रचना की।

गुरु हमारे जीवन के वह दीपक हैं, जो हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। माता-पिता जीवन देते हैं, लेकिन गुरु हमें जीने की दिशा देते हैं।

हमारे विद्यालय के शिक्षक भी हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक हैं। हमें चाहिए कि हम गुरुओं का सम्मान करें, उनकी बातों को समझें और अपने जीवन में उतारें।

गुरु बिन ज्ञान अधूरा है।

धन्यवाद।

अगर मैं प्रधानमंत्री होता

नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज मैं “अगर मैं प्रधानमंत्री होता” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता, तो सबसे पहले मैं शिक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देता। हर बच्चे को अच्छी शिक्षा और हर नागरिक को मुफ्त इलाज दिलाना मेरा लक्ष्य होता।

मैं बेरोजगारी दूर करने के लिए युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करता और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करता।

मैं भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कड़े कानून लागू करता और गरीबों को उनके हक़ की सुविधाएँ दिलाता।

हर गाँव में बिजली, पानी और इंटरनेट पहुँचाना मेरी ज़िम्मेदारी होती। मैं ऐसा भारत बनाना चाहता, जहाँ हर नागरिक गर्व से कहे — “मेरा भारत महान है।”

प्रधानमंत्री होना सिर्फ पद नहीं, देश सेवा का संकल्प है।

धन्यवाद।

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